रायपुर। छत्तीसगढ़ में जमीन खरीदने और बेचने वालों के लिए एक अहम खबर है। राज्य सरकार 1 अप्रैल 2025 से गाइडलाइन दरों में करीब 10% की बढ़ोतरी करने की तैयारी कर रही है। इसका सीधा असर जमीन की कीमतों और रजिस्ट्री पर पड़ेगा, जिससे लोगों को जमीन खरीदने के लिए ज्यादा पैसे खर्च करने होंगे।
6 साल बाद बढ़ेगी गाइडलाइन दर
गौरतलब है कि पिछले 6 वर्षों से गाइडलाइन दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इसके अलावा, बीते साल जमीन की रजिस्ट्री पर मिलने वाली 30% की छूट भी खत्म कर दी गई थी। अब गाइडलाइन दरों में बढ़ोतरी का मतलब साफ है — जमीन के दामों में इजाफा।
रजिस्ट्री दफ्तरों में बढ़ी भीड़
गाइडलाइन दर बढ़ने की खबर के बाद रायपुर और अन्य जिलों के रजिस्ट्री कार्यालयों में भीड़ उमड़ पड़ी है। लोग 31 मार्च से पहले जमीन की रजिस्ट्री कराने की होड़ में जुट गए हैं ताकि बढ़ी हुई दरों का असर न झेलना पड़े। हालात को देखते हुए प्रशासन ने —
- रजिस्ट्री समय में वृद्धि कर दी है।
- बुकिंग स्लॉट भी बढ़ा दिए गए हैं, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोगों की रजिस्ट्री हो सके।
इन इलाकों में बढ़ा जमीन का कारोबार
राजधानी रायपुर के कई इलाकों में जमीन खरीदने और बेचने का काम तेजी से हो रहा है। इनमें सबसे ज्यादा विधानसभा, कचना, रिंग रोड नंबर-3, धमतरी रोड, वीआईपी रोड, सेजबहार, माना, अभनपुर और खरोरा रोड शामिल हैं।
रियल एस्टेट कारोबारियों और निवेशकों ने इन इलाकों में जमीन खरीदने की रफ्तार बढ़ा दी है ताकि नई दरें लागू होने से पहले सौदे पूरे कर लिए जाएं।
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रियल एस्टेट बाजार पर असर
विशेषज्ञों के मुताबिक, गाइडलाइन दरें बढ़ने से रियल एस्टेट सेक्टर पर सीधा असर पड़ेगा। निवेशक जल्दबाजी में जमीन खरीदने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि बढ़ी हुई दरों के बाद नए सौदों पर अतिरिक्त बोझ पड़ने की संभावना है।
क्या कहते हैं अधिकारी
इस पूरे मामले पर रजिस्ट्री विभाग के अधिकारियों का कहना है कि 1 अप्रैल से नई दरें लागू होंगी। फिलहाल अंतिम समीक्षा जारी है, लेकिन बढ़ोतरी लगभग तय मानी जा रही है।
क्या करें आम नागरिक?
यदि आप जमीन खरीदने की योजना बना रहे हैं, तो 31 मार्च से पहले रजिस्ट्री करवाकर बढ़ी हुई दरों से बच सकते हैं।
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